हेल्लो दोस्तों! आज मैं आपको इस आर्टिकल में What is Denormalization in Hindi (डिनॉर्मलाइजेशन क्या है?) के बारें में बताऊंगा और इसके लाभ तथा हानियों के बारें में भी विस्तार से पढेंगे, तो चलिए शुरू करते हैं:-
Denormalization in Hindi
Denormalization डेटाबेस को optimize करने की एक तकनीक है जिसमें हम एक या उससे ज्यादा tables में redundant data को add करते हैं. इस तकनीक के द्वारा database infrastructure की performance को बेहतर बनाया जाता है.
डिनॉर्मलाइजेशन का मतलब यह नहीं है कि normalization नही करना है बल्कि यह एक optimization तकनीक है जिसे normalization के बाद apply किया जाता है. यह normalization के विपरीत की प्रक्रिया है. दूसरे शब्दों में कहें तो, “यह एक ऐसी प्रकिया है जिसमें database की redundancy को बढ़ा दिया जाता है.”
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Advantage of Denormalization in Hindi
- यह table joins को बहुत कम कर देता है. जिससे हम data को बहुत तेजी से retrieve कर सकते हैं.
- इसके द्वारा Queries को retrieve करना बहुत ही आसान हो जाता है और जिसके कारण bugs भी बहुत कम हो जाते है.
- यह foreign keys और indexes को घटा देता है. जिससे बहुत जयादा मैमोरी की बचत होती है और data को manipulate करने में कम समय लगता है.
- यह database में tables की संख्या को reduce करता है. tables की संख्या जितनी ज्यादा होगी उतने ही ज्यादा mapping, और joins की संख्या होगी. और मैमोरी का space भी बढेगा.
Disadvantage of Denormalization in Hindi
- इसमें updates और insert बहुत expensive होता है.
- यह update और insert code को read करना कठिन बना देता है.
- यह retrieval की speed को तो बढ़ा देता है परन्तु data manipulation की गति को धीमा कर देता है.
- इसके द्वारा डाटा inconsistent हो सकता है.
- data redundancy को अधिक स्टोरेज की आवश्यकता होती है.
- डिनॉर्मलाइजेशन के द्वारा tables का size बढ़ सकता है.
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